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About Astrology

Siddhi Astro(सिद्धि एस्ट्रो) ज्योतिष विज्ञान एवं वैदिक कर्मकांड के विद्वान ज्योतिर्विदों का एक समूह है, जिसका मुख्य उद्देश्य जन सामान्य तक एस्ट्रोलॉजी विज्ञान के बारे में जागरूकता एवं इसकी हमारे जीवन के विभिन्न पहलुओं पर उपयोगिता सिद्ध करने एवं भारतीय ज्योतिष के माध्यम से समाज को जागरूक व सुदृढ़ करना है | आप इसकी विभिन्न सुविधाओं का लाभ लें और अपने जीवन को खुशहाली के विभिन्न रंगों से सजायें | कुल 12 ज्योतिष राशियाँ होती हैं, और प्रत्येक राशि की अपनी ताकत और कमजोरियां, अपने स्वयं के विशिष्ट गुण, इच्छा एवं जीवन तथा लोगों के प्रति रवैया होता है। आकाश की छवियों, या जन्म के समय ग्रहों की स्थिति के विश्लेषण के आधार पर ज्योतिष हमें एक व्यक्ति की बुनियादी विशेषताओं, प्राथमिकताओं, कमियों और भय की एक झलक दे सकता है। अगर हम राशियों की बुनियादी विशेषताओं को जान लें तो हम वास्तव में लोगों को बहुत बेहतर जान सकते हैं। राशिफल की 12 राशियों में से प्रत्येक एक विशिष्ट राशि तत्व के अंतर्गत आती हैं। चार राशिचक्र तत्व हैं: वायु, अग्नि, पृथ्वी और जल और उनमें से हरेक हमारे भीतर कार्यरत एक अनिवार्य प्रकार की उर्जा का प्रतिनिधित्व करते हैं। ज्योतिष का लक्ष्य हमें सकारात्मक पहलुओं पर इन ऊर्जा का ध्यान केंद्रित करना और हमारे सकारात्मक गुणों की एक बेहतर समझ पाने और नकारात्मकता से निपटने में मदद करना है।

ज्योतिष अपने आप में एक रहस्यमय विषय है | जो इसके बारे में जानते है वो इस विषय का लाभ लेकर जीवन में उंचाइयो को छूते हैं। ज्योतिष के द्वारा ग्रहों के खेल को समझा जाता है, ज्योतिष के द्वारा ग्रहों का प्रभाव हमारे जीवन में कैसा रहेगा, ये देखा जाता है।|
ज्योतिष को वेदों कि आँखें भी कहा जाता है। ऐसा कहा गया है। "ज्योतिष वेदानां चक्षुः ". ज्योतिष के द्वारा भूत, भविष्य और वर्तमान के बारे में जाना जाता है।
किसी के जीवन में कब अच्छा समय आयेगा, कब बुरा समय आयेगा, कब भाग्योदय होगा, कब विवाह होगा, क्या करना चाहिए , कब करना चाहिए आदि का ज्ञान बड़ी ही आसानी से पता लगा लिया जाता है।
महत्त्वपूर्ण बात ये है कि इस विषय के द्वारा हम ये जान सकते है कि वास्तव में हम किस प्रकार से इस जीवन में पूर्ण सफलता हासिल कर सकते हैं। इसी कारण से पुराने समय से राजा- महाराजा और विद्वान् लोग ज्योतिष विषय का लाभ लेते आये हैं अपने विभिन्न प्रयोजनों को सिद्ध करने के लिए।
इसके द्वारा हम अपने भविष्य में झाँक सकते हैं.
ज्योतिष विद्या के द्वारा हम अपने अच्छे और बुरे समय से अवगत हो सकते हैं.
इसके द्वारा हम ये भी जान सकते हैं की कौन सा रत्न, कौनसा दिन हमारे लिए उचित है.
इसके द्वारा हम अपना इष्ट भी पता कर सकते हैं अर्थात हम ये देख सकते हैं की कौन से भगवान् की पूजा हमारे लिए श्रेष्ठ है.
इसके द्वारा हम ये भी जान सकते हैं की कोई बिमारी हमारा पीछा क्यूँ नहीं छोड़ रही है.
प्रेम संबंधों में हमे सफलता क्यूँ नहीं मिल रही है.
क्यूँ बार बार हम परास्त होते है, क्यूँ हमे ज्यादा संघर्ष करना होता है.
क्यूँ ववाह में अड़चन आ रही है और उसका समाधान क्या हो सकता है.
कौन सी धातु हमारे लिए अच्छा है.
ज्योतिष द्वारा हम अपने व्यक्तित्व के बारे में भी बहुत कुछ जान सकते हैं जैसे कौन से ग्रह के द्वारा हम सफल हो सकते हैं और उससे कौन सा गुण हमारे पास ज्यादा है.
इसके द्वारा हम ये भी जान सकते हैं की किस गुण के कारण हमें सबसे ज्यादा नुक्सान होता है.
कौन सी दिशा हमारे लिए श्रेष्ठ है.
अतः देखा जाए तो ज्योतिष हमे बहुत कुछ बताता है और जीवन के हर पहलु के बारे में कुछ न कुछ रहस्य हम इसके द्वारा जान सकते हैं|
आप भी ज्योतिषीय सलाह लें और अपने जीवन के विभिन्न पहलुओं को जानें|

ज्योतिष शास्त्र में कई ऐसी विद्याएं बताई गई हैं जिनसे किसी भी व्यक्ति के भूत, भविष्य और वर्तमान को देखा जा सकता है। इन्हीं विद्याओं में से एक है हस्तरेखा। हाथों की रेखाओं में हमारा भविष्य छुपा होता है और हथेली का अध्ययन करने पर किसी भी व्यक्ति के विषय में संपूर्ण जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
हमारे जीवन से जुड़ी हर छोटी-बड़ी घटना का संकेत हमारे हाथों की रेखाओं में छिपा होता है। इन रेखाओं के सही अध्ययन से मालुम किया जा सकता है कि कोई व्यक्ति जीवन में कितनी उन्नति करेगा? कितनी सफलताएं या असफलताएं प्राप्त करेगा? व्यक्ति का स्वास्थ्य कैसा रहेगा या उसका विवाहित जीवन कैसा होगा?
हमारी जैसी सोच रहती है उसी के अनुरूप हाथों की रेखाओं बदलाव होते रहते हैं। सामान्यत: हमारे हाथों की कई छोटी-छोटी रेखाएं बदलती रहती हैं परंतु कुछ खास रेखाओं में बड़े परिवर्तन नहीं होते हैं। इन महत्वपूर्ण रेखाओं में जीवन रेखा, भाग्य रेखा, हृदय रेखा, मणिबंध, सूर्य रेखा और विवाह रेखा शामिल है।
हस्तरेखा ज्योतिष के अनुसार कुछ महत्वपूर्ण रेखाएं बताई गई हैं, इन्हीं रेखाओं की स्थिति के आधार पर व्यक्ति के जीवन की भविष्यवाणी की जा सकती है। ये रेखाएं इस प्रकार हैं-
जीवन रेखा: जीवन रेखा शुक्र क्षेत्र (अंगूठे के नीचे वाला भाग) को घेरे रहती है। यह रेखा तर्जनी (इंडेक्स फिंगर) और अंगूठे के मध्य से शुरू होती है और मणिबंध तक जाती है। इस रेखा के आधार पर व्यक्ति की आयु एवं दुर्घटना आदि बातों पर विचार किया जाता है।
मस्तिष्क रेखा: यह रेखा हथेली के मध्य भाग में आड़ी स्थिति में रहती है। मस्तिष्क रेखा जीवन रेखा के प्रारंभिक स्थान के पास से ही शुरू होती है। यहां प्रारंभ होकर मस्तिष्क रेखा हथेली के दूसरी ओर जाती है। इस रेखा से व्यक्ति की बौद्धिक क्षमता पर विचार किया जाता है।
हृदय रेखा: यह रेखा मस्तिष्क रेखा के समानांतर चलती है। हृदय रेखा की शुरूआत हथेली पर बुध क्षेत्र (सबसे छोटी अंगुली के नीचे वाला भाग) के नीचे से आरंभ होकर गुरु क्षेत्र (इंडेक्स फिंगर के नीचे वाले भाग को गुरु पर्वत कहते हैं।) की ओर जाती है। इस रेखा से व्यक्ति की बौद्धिक क्षमता, आचार-विचार आदि बातों पर विचार किया जाता है।
सूर्य रेखा: यह रेखा सामान्यत: हथेली के मध्यभाग में रहती हैं। सूर्य रेखा मणिबंध (हथेली के अंतिम छोर के नीचे आड़ी रेखाओं को मणिबंध कहते हैं।) से ऊपर रिंग फिंगर के नीचे वाले सूर्य पर्वत की ओर जाती है। वैसे यह रेखा सभी लोगों के हाथों में नहीं होती है। इस रेखा से यह मालूम होता है कि व्यक्ति को मान-सम्मान और पैसों की कितनी प्राप्ति होगी।
भाग्य रेखा:यह हथेली के मध्यभाग में रहती है तथा मणिबंध अथवा उसी के आसपास से आरंभ होकर शनि क्षेत्र (मिडिल फिंगल यानी मध्यमा अंगुली के नीचे वाले भाग को शनि क्षेत्र कहते हैं।) को जाती है। इस रेखा से व्यक्ति की किस्मत पर विचार किया जाता है।
स्वास्थ्य रेखा: यह बुध क्षेत्र (सबसे छोटी अंगुली के नीचे वाले भाग को बुध पर्वत कहते हैं।) से आरंभ होकर शुक्र पर्वत (अंगूठे के नीचे वाले भाग को शुक्र पर्वत कहते हैं) की ओर जाती है। इस रेखा से व्यक्ति की स्वास्थ्य संबंधी बातों पर विचार किया जाता है।
विवाह रेखा: यह बुध क्षेत्र (सबसे छोटी अंगुली के नीचे वाले भाग को बुध क्षेत्र कहते हैं।) पर आड़ी रेखा के रूप में रहती है। यह रेखा एक से अधिक भी हो सकती है। इस रेखा से व्यक्ति के विवाह और वैवाहिक जीवन पर विचार किया जाता है।
संतान रेखा: यह बुध क्षेत्र (सबसे छोटी अंगुली के नीचे वाले भाग को बुध क्षेत्र कहते हैं।) पर खड़ी रेखा के रूप में रहती है। यह रेखा एक से अधिक भी हो सकती है। इस रेखा से मालूम होता है कि व्यक्ति की कितनी संतान होंगी। संतान रेखा से यह भी मालूम हो जाता है कि व्यक्ति को संतान के रूप में कितनी लड़कियां और कितने लड़के प्राप्त होंगे।
अपनी हाथ कि फोटो का विश्लेषण करने के लिए, या किसी अन्य ज्योतिषीय सलाह के लिए आप हमारी संस्था के number पर कॉल करके या फिर हमें अपनी डिटेल्स भेज कर प्राप्त कर सकते हैं|
आपकी दोनों हथेलियों पर हर उंगली में अलग-अलग प्रकार की रेखाएं हैं। क्या आप जानते हैं कि हर उंगली की हर रेखा आपके भविष्य के बारे में कुछ कहती है। जी हाँ, हस्तरेखा अध्ययन के जरिये आपके भविष्य और भूतकाल से जुड़ी बातें जानी जा सकती हैं। आपके हाथ में कौन-सी जीवन रेखा है, कौन-सी कॅरियर से जुड़ी रेखा है, कौन-सी विवाह या परिवार से जुड़ी रेखा है, इसके अलावा कौन-सी रेखा ऐसी है जोकि आपके संबंध में आपके मित्रों के व्यवहार को भी बता सकती है, यह जानने के लिए आपको जरूरत है सही हस्तरेखा विशेषज्ञ की। हस्तरेखा विज्ञान से जुड़ी जानकारियों के अलावा आप एस्ट्रोपंचांग के इस सेक्शन के माध्यम से अपने हाथों की रेखाओं का अध्ययन कर अपने भविष्य के बारे में जान सकते हैं।

The lines of the hands throw light on the present, past and future of the person. Made on the palm, reading the lines of the hands, when a person’s personality and his life are seen, it is called palmistry studies.
The roots of palmistry are believed to be associated with China, India and Rome. In the ancient Vedas it is inscribed by the Sanskrit language. In Sanskrit it is known as Jyotish. palmistry is a discipline used by the Sanatan (Hindu) people in India. Birth to death in India is described in these palm lines.
Along with this, here you get information about your health, wealth, family, happiness, sorrow, business, prosperity and marriage. According to Hastha-Rekha Shastra, there are all lines of life, brain and meaning etc. in a person’s hand which are studied and predicted. According to history, palmistry art spread from India to China, Tibet, France, Egypt and other countries of Europe.

अंक ज्योतिष, ज्योतिष शास्त्र की तरह ही एक ऐसा विज्ञान है जिसमें अंकों की मदद से व्यक्ति के भविष्य के बारे में जानकारी दी जाती है। हिंदी में इसकी गूढ़ विद्या को अंक शास्त्र और अंग्रेजी में न्यूमेरोलॉजी कहते हैं। अंक ज्योतिष में खासतौर से गणित के कुछ नियमों का प्रयोग कर व्यक्ति के जीवन के विभिन्न पहलुओं का आकलन कर उनके आने वाली जिंदगी के बारे में भविष्यवाणी की जाती है। अंक ज्योतिष में जातक की जन्म तिथि के आधार पर मूलांक निकालकर उसके भविष्य फल की गणना की जाती है।

Success in Numerology means a Fortunate Name with whether it is your Personal Name, Business Name, Product Name, Event Name, Movie Title, Book Title, Domain Name, Email Name etc. If the name is fortunate you will get success after success. So check the name and proceed in life.
Numerology is not only an easy way to know destiny, but it is also a science. The field of astrology is quite wide but the field of numerology is limited compared to astrology. Numerals have a huge contribution in our lives.
When purchasing a vehicle, we want to get the registration number of the vehicle as per our convenience. When buying a house, starting a business or roll number in exams, we always check whether those marks are favorable to us or not.
Everywhere we start looking for our horoscope in numbers. Nowadays, even big film stars, big successful celebrities are not untouched by the influence of numerology. Contact now

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार राशिरत्नों का व्यक्ति के जीवन और किस्मत पर बहुत प्रभाव होता है। इन रत्नों को सौरमंडल में मौजूद ग्रहों का अंश माना जाता है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार प्रत्येक रत्न को किसी खास धातु में ही धारण करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि यदि किसी रत्न को गलत धातु में धारण किया जाए तो इसका कोई प्रभाव नहीं होता है या नकारात्मक प्रभाव होता है। वहीं, जब रत्न को सही धातु में पहना जाए तो इसका प्रभाव और अधिक बढ़ जाता है। आज के इस लेख में हम आपको बताएंगे कि कौन सा रत्न किस धातु में धारण करना चाहिए -
माणिक्‍य
ज्योतिष विद्या के जानकारों के अनुसार सूर्य के रत्‍न माणिक्‍य यानि रूबी को तांबे या सोने की धातु में पहनना चाहिए। विशेष रूप से तांबे में पहनने से इसका असर अधिक बढ़ जाता है। राशि के अनुसार माणिक्‍य रत्‍न धारण करने से करियर में सफलता मिलती है।
पन्‍ना
बुध का रत्‍न माना जाने वाला पन्‍ना, सोने की धातु में पहनना चाहिए। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार पन्‍ना रत्‍न धारण करने से बुध के शुभ फल प्राप्‍त होते हैं। यह रत्न धारण करने से करियर में सफलता मिलती है और आंखों की रोशनी भी तेज होती है।
मोती
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार चंद्रमा का रत्‍न मोती माना जाता है। यह रत्न मन और मस्तिष्‍क को शांति प्रदान करता है। मोती को चांदी में पहनना शुभ माना जाता है। हालाँकि, मोती को कभी भी सोने की धातु में नहीं पहनना चाहिए। जिन लोगों के गुस्सा अधिक आता हो, उन्हें यह रत्न अवश्य धारण करना चाहिए।
नीलम
नीलम को शनि देव का रत्‍न माना जाता है। इस रत्‍न को धारण करने से शनि मजबूत होता है और शुभ फल देता है। नीलम को हमेशा सोने या प्लैटिनम की धातु में पहनना चाहिए। हालाँकि, नीलम धारण करने से पहले किसी ज्योतिषी से सलाह अवश्य लेनी चाहिए। यह रत्‍न अगर किसी को सूट ना करे तो वह व्‍यक्‍ति बर्बाद हो सकता है।
पुखराज
बृ‍हस्‍पति का रत्‍न पुखराज होता है। ज्योतिषशास्त्र में इसे सबसे जल्दी लाभ देने वाला रत्न माना जाता है। पुखराज रत्न को सोने की धातु में धारण करना शुभ माना जाता है। इसे तांबे की धातु में भी धारण कर सकते हैं।
मूंगा
मूंगा को मंगल ग्रह का रत्न माना जाता है। इस रत्न को सोना, चांदी या तांबे की धातु में धारण किया जा सकता है। विशेष रूप से तांबे में पहनना बहुत शुभ होता है। इस रत्न को पहनने के बाद जातक को जीवन में अपार सफलता हासिल होती है।
गोमेद
राहु का रत्‍न गोमेद होता है। इस रत्न को किसी भी अष्टधातु, चांदी या त्रिलोह में धारण किया जा सकता है। हालंकि, इस रत्न को धारण करने से पहले कुछ विशेष पूजा करनी होती है। यह पूजा पंडित या ज्योतिष अपने-अपने अनुसार करवाते हैं।
लहसुनिया
केतु का रत्‍न लहसुनिया माना जाता है। इस रत्न को चांदी या अष्‍टधातु में बनवाकर धारण करन चाहिए। हालांकि, यह रत्न हर कोई नहीं पहन सकता है। इस रत्न को ज्योतिषि सलाह के बाद ही धारण करना चाहिए।

World of Gems In the world of astrology, rashi also have their own importance. Rashi Ratna specialist believe that many defects in your horoscope can be eradicated only by wearing the rashi ratna, on the other hand, if the horoscope of the planets in the horoscope may cause you to suffer bad results in the future, then the zodiac gem help Their effect may also decrease significantly.
Planetary Condition
The benefit of Rashi Ratna is not only in scouring the future results due to bad state of planets, but these gems also affect your health.
Essential for Health
Although many times your family members or some astrologers may have advised you to wear the rashi, if you are facing health-related problems, now is the time to follow their suggestions and advice, because their suggestions Many problems related to healthy living can be a solution.
Rays and Energies
The rays and energies emanating from the rashi ratna have their own effect on your whole body, these effects are different for different rashi ratna. Let’s know which rashi to wear can solve which problem related to your health.

Our astrology consulting team listens, predicts and cures with vedic techniques, and remedies.

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